Saturday, July 11, 2015

Mera Parivaar

रंग बिरंगे फूलों जैसे 
नाना-नानी मुझे खिलाते 
मेरे आगे-पीछे दिनभर चकर घिन्नी से बन जाते 
संग-संग सोते संग-संग उठते 
बात बात पर मुझे हँसाते 
हर छोटी सी हरकत मेरी कैमरे में कैद कराते । 

आसमान में पंछी जैसे 
दादा-दादी स्काइप पे आते 
रोज मेरी फोटो न मिलने पर सबकी खूब डांट लगाते 
पंडित, पूजा, ज्योतिष कराते
भविष्य के ढेरों प्लान बनाते 
मेरी हर अठखेलियों पर खूब सारा लाड़ बरसाते ।  

टिम-टिम टिम-टिम तारे जैसे 
मम्मी-पापा मन मुस्काते
मेरे रोने में खुद रो पड़ते, मेरे हसने में खुश हो जाते 
रोज अनोखे नाम बुलाते
अचरज भरी दुनिया दिखाते 
नए-नए जीवन की छाओं में दोनो अपनी आँख बिछाते । 

सतरंगी इन्द्रधनुष के जैसे 
मेरे सारे रिश्ते नाते
बुआ-फूपा, मामा-मामी, दीदी-भैया प्यारे प्यारे 
स्नेह प्रेम की कुंजी है यह
रंगीन, संगीन, या मतवाले
मैं इनकी छोटी सी आख्या, ये सब मेरे परिवार वाले । 

No comments:

Post a Comment